प्रयागराज ने मांगा और प्रधानमंत्री ने दे दिया अक्षयवट, दैनिक जागरण के अभियान को मिला मुकाम
प्रयागराज : 'प्रयागराज मांगे अक्षयवट दर्शन' दैनिक जागरण के इस अभियान को रविवार को मुकाम मिल गया। प्रलय और सृष्टि का साक्षी, प्रयाग की पहचान। सनातन धर्म व संस्कृति की धूरी अक्षयवट से श्रद्धालुओं की दूरी आखिरकार खत्म हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज की महिमा का वर्णन करने के साथ ही कुंभ के दौरान अक्षयवट दर्शन सबके लिए सुलभ होने का एलान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां अंदावा के संत निरंकारी मैदान में जनसभा को संबोधित करने के दौरान कहा-आज जब अर्धकुंभ से पहले मैं यहां आया हूं, आप सभी को, देश के हर जन को एक खुशखबरी भी देना चाहता हूं। इस कुंभ में सभी श्रद्धालु अक्षयवट का दर्शन कर सकेंगे। कई पीढिय़ों से अक्षयवट किले में बंद था, लेकिन इस बार यहां आने वाला हर श्रद्धालु प्रयागराज की त्रिवेणी में स्नान करने के बाद अक्षयवट के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त कर सकेगा। इतना ही नहीं, सरस्वती कूप दर्शन भी संभव हो पाएगा। अक्षयवट अपनी गहरी जड़ों की वजह से बार-बार पल्लवित होकर हमें भी जीवन के प्रति ऐसा ही जीवट रवैया अपनाने की प्रेरणा देता है। बताया कि संबोधन करने के पहले मैंने भी अक्षयवट का दर्शन किया। कुछ देर अक्षयवट के नीचे चबूतरे पर बैठे भी।
प्रयागराज : 'प्रयागराज मांगे अक्षयवट दर्शन' दैनिक जागरण के इस अभियान को रविवार को मुकाम मिल गया। प्रलय और सृष्टि का साक्षी, प्रयाग की पहचान। सनातन धर्म व संस्कृति की धूरी अक्षयवट से श्रद्धालुओं की दूरी आखिरकार खत्म हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज की महिमा का वर्णन करने के साथ ही कुंभ के दौरान अक्षयवट दर्शन सबके लिए सुलभ होने का एलान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां अंदावा के संत निरंकारी मैदान में जनसभा को संबोधित करने के दौरान कहा-आज जब अर्धकुंभ से पहले मैं यहां आया हूं, आप सभी को, देश के हर जन को एक खुशखबरी भी देना चाहता हूं। इस कुंभ में सभी श्रद्धालु अक्षयवट का दर्शन कर सकेंगे। कई पीढिय़ों से अक्षयवट किले में बंद था, लेकिन इस बार यहां आने वाला हर श्रद्धालु प्रयागराज की त्रिवेणी में स्नान करने के बाद अक्षयवट के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त कर सकेगा। इतना ही नहीं, सरस्वती कूप दर्शन भी संभव हो पाएगा। अक्षयवट अपनी गहरी जड़ों की वजह से बार-बार पल्लवित होकर हमें भी जीवन के प्रति ऐसा ही जीवट रवैया अपनाने की प्रेरणा देता है। बताया कि संबोधन करने के पहले मैंने भी अक्षयवट का दर्शन किया। कुछ देर अक्षयवट के नीचे चबूतरे पर बैठे भी।

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